बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की औराई सीट से महागठबंधन से भाकपा माले के घोषित प्रत्याशी आफताब आलम को नामांकन यानी पर्चा दाखिले के समय बिहार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
2014 लोकसभा चुनावों के दौरान पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में सीरीज बम धमाकों के आरोपी, एनआईए द्वारा गिरफ्तार किये जा चुके और एक दूसरे आपराधिक मामले में फरार चल रहे भाकपा माले के कोटे से आफताब आलम को तेजस्वी यादव, सोनिया गांधी के बिहार महागठबंधन ने टिकट दिया और फरार चल रहा यह अपराधी अपना नामांकन करने पहुंच भी गया।
आफताब आलम को तत्काल कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तार करने वाले थानाध्यक्ष ओम प्रकाश ने बताया कि औराई थाना क्षेत्र के एक अपराधिक मामले में आफताब आलम को पुलिस की तलाश थी।
फरार होने के बाद भी आफताब आलम नॉमिनेशन करने आया था जहां मौजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जिस केस में आफताब को गिरफ्तार किया गया है वह एक हत्याकांड के बाद हुए अराजक और हिंसक धरना-प्रदर्शन का मामला है।
आफताब आलम को पूर्व में एनआईए ने भी गिरफ्तार किया था। आफताब आलम की रिश्तेदारी पाकिस्तान में है और उसकी ससुराल भी पाकिस्तान में है।
पटना में नरेंद्र मोदी मोदी की सभा के दौरान हुए सीरीज ब्लास्ट के मामले में आफताब आलम को मुजफ्फरपुर से एनआईए ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में वो बेल पर है। औराई विधानसभा सीट से महागठबंधन कोटे से भाकपा माले पार्टी से उसने अपनी उम्मीदवारी का नामांकन भरा है। औराई विधानसभा सीट पर वर्तमान में राजद के डॉक्टर सुरेंद्र यादव विधायक हैं। राजद के सीटिंग एमएलए का टिकट काटकर भाकपा माले आफताब आलम के लिए यह सीट खाली किया था।
यह गिरफ्तारी महागठबंधन में शामिल आरजेडी, कांग्रेस की मानसिकता को देश और बिहार के मतदाताओं के सामने रखती है जिनके लिए प्रधानमंत्री की रैली में सीरीज बम धमाके करने का खतरनाक आपराधिक इतिहास रखने वाला योग्य प्रत्याशी है।
कानून की नजरों में फरार चल रहे एक कुख्यात अपराधी को विधानसभा के सदस्य के रूप में जनता के सामने प्रस्तुत करने के ऐसे पाप को बिहारी मतदाताओं से कैसा जबाब मिलता है यह देखना रोचक होगा।