चौपाये ( जानवर ) से या नाबालिग लड़कीसे जिना ( संभोग ) करे तो वजू नहीं टूटता ( वजू कहते हैं जब नमाज़ पढ़ने से पहले हाथों और बाहों को धोया जाता है ) । ( आलमगीरी जिल्द 1 हदीस 83 )
किसी चौपाये का लिंग कोई औरत अपनी फुर्ज़ ( योनी ) में दाखिल करे तो उसपर स्नान करना जरूरी नहीं । ( दरमुख्तार जिल्द 1 हदीस 83 )
अगर कोई रोजादार शख्स किसी चौपाये या बेहोश औरत या छोटी बच्ची से संभोग करे और उसका वीर्यपात न हुआ हो तो उसका रोजाटूटता नहीं और उसपर स्नान करना भी आवश्यक नहीं । ( फताबी काजी खाँ जिल्द 1 सफा 100 )
अगर किसी रोजादार ने किसी चौपाये के मल या मूत्र द्वार की जगह पर हाथ लगाकर सहलाया और रोजादार का वीर्यपात हो गया तो उसके रोज़े पर कोई फर्क नहीं पड़ता । ( गायतुल औतार सफा 515 )
बेहोशी की हालत में औरत या चौपाये से संभोग करने पर प्रायश्चित नहीं आता, अगर वीर्यपात हुआ हो तो भी और अगर न हुआ हो तो भी । ( हिदायत मुस्तफाई सफा 199 )
जिन्दा या मुर्दा जानवर या कम उमर के लड़कों से लौंडेबाजी ( सैक्स ) करने पर उसके बाद न तो स्नान वाजिब है और न ही उससे वजू टूटता है , अर्थात् हाथ धोने की ज़रूरत नहीं है । ( गायतुल औतार जिल्द 1 सफा 83, दरमुख्तार जिल्द 1 सफा 101 )
रोजे की हालत में चौपाये से संभोग करने से रोजा नहीं टूटता । ( दरमुख्तार जिल्द 2 सफा 109 )
औरत या जानवर के बच्चा पैदा होते वक्त जो लेस या गीलापन होता है वो पाक है । ( दरमुख्तार मिश्री जिल्द 1 सफा 257 )
जो चौपायों से अपना मूँह काला करे तो उसे सज़ा न दी जाए । तथा आकाश से तारा टूटना जिन्नात् को मारना है । ( मिश्कात जिल्द 4 हदीस 484-485 )
ये तो हमने सुन्नी मुसलमानों की प्रमाणिक पुस्तकों से प्रमाण दिया अब हम इसकी उदाहरणें आपको दिखाते हैं ।
ISIS का आतंकी गधे से सैक्स करते हुए :–
ऐसे कई अनेकों प्रमाण आप यू ट्यूब में देख सकते हैं ।