प्रधानमंत्री मोदी का रविवार रात्रि को बिना किसी सूचना के नए संसद भवन एवं सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य देखने गए।
अधिकतर लोगो को प्रधानमंत्री की कार्य शैली, अमेरिका से आने के बाद बिना विश्राम किये राष्ट्र के लिए समर्पण दिखाई दिया होगा।
सहमत !
लेकिन मुझे तेज लाइट एवं दर्ज़नो लेबर दिखी जो पूरे दम-खम के साथ कार्य कर रहे थे, पसीना बहा रहे थे।
कैसे पता की वह लेबर कार्य कर रही थी?
क्योकि उन्होंने पीला, नीला एवं सफ़ेद हेलमेट पहना था; सभी श्रमिकों ने फ्लुरोसेंट लाइन वाली जैकेट पहनी है जिससे वे अँधेरे में भी दूर से दिखाई दे।
निर्माण साइट पर पीला हेलमेट लेबर, भरी मशीन एवं JCB चलाने वाले पहनते है। नीला हेलमेट बढ़ई, बिजली तथा तकनीकी कार्य करने वाली लेबल पहनती है। सफ़ेद हेलमेट आर्किटेक्ट, इंजीनियर, मैनेजर तथा सुपरवाइजर पहनते है।
प्रधानमंत्री जी ने सफ़ेद हेलमेट पहना था। एक-दो अन्य लोग भी सफ़ेद हेलमेट पहन कर कार्य कर रहे थे।
अगर इस विजिट की पूर्व सूचना होती तो शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी भी फोटो में दिखाई देते।
इससे कुछ बाते पता चलती है।
प्रथम, हमारे श्रमिक दिन-रात कार्य कर रहे है।
द्वितीय, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, मैनेजर तथा सुपरवाइजर भी धूल-मिटटी में दिन-रात खप रहे है; श्रमिकों के साथ कंधा मिलाकर कार्य कर रहे है।
तृतीय, निर्माण साइट पर सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। एकाएक सभी लोगो के सर पर सुरक्षा हेलमेट और बदन पर फ्लुरोसेंट लाइन वाली जैकेट फोटो खींचने के लिए नहीं रखा जा सकता।
चतुर्थ, जब हम सोते है, राष्ट्र उस समय भी कार्य कर रहा है; प्रगति कर रहा है।
पंचम, यह नया भारत है जो आगे बढ़ने के लिए तत्पर है, बेचैन है; साथ ही आश्वस्त भी की उसे एक ऐसा नेतृत्व मिला है जो ना सोता है, ना खाता है; लेकिन सुहृदयी है, राष्ट्र की प्रगति ही उसका एकमात्र लक्ष्य है।
अमित सिंघल