दुनिया में एक ऐसा भी देश है, जहां मुस्लिम तो जरूर रहते हैं लेकिन यहां एक भी मस्जिद नहीं है। इतना ही नहीं इस देश में मस्जिद बनाने की अनुमति भी नहीं है। इस देश का नाम है स्लोवाकिया। स्लोवाकिया में जो मुस्लिम है वो तुर्क और उगर हैं और 17 वीं सदी से ही यहां रह रहे हैं। साल 2010 में स्लोवाकिया में मुस्लिमों की आबादी 5,000 के आसपास थी।

स्लोवाकिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मस्जिद को लेकर होता रहा है विवाद
स्लोवाकिया यूरोपीय यूनियन का सदस्य भी है। लेकिन वो एक ऐसा देश है, जो सबसे आखिर में इसका सदस्य बना। इस देश में मस्जिद बनाने को लेकर विवाद भी होता रहा है। साल 2000 में स्लोवाकिया की राजधानी में इस्लामिक सेंटर बनाने को लेकर भी विवाद हो गया। ब्रातिसिओवा के मेयर ने स्लोवाक इस्लामिक वक्फ फाउंडेशन के सभी प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

स्लोवाकिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुस्लिम शरणार्थियों पर लगा दी रोक
साल 2015 में यूरोप के सामने शरणार्थियों का प्रवास एक बड़ा मुद्दा बना हुआ था। उस समय स्लोवाकिया ने 200 ईसाइयों को शरण दी, लेकिन मुस्लिम शराणार्थियों को आने से मना कर दिया। इसपर स्प्ष्टीकरण देते हुए स्लोवाकिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उनके यहां मुस्लिमों के इबादत की कोई जगह नहीं है, जिसके कारण मुस्लिमों को शरण देना देश में कई समस्याएं पैदा कर सकता है। हालांकि, इस फैसले का यूरोपीय यूनियन ने भी आलोचना की।

स्लोवाकिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

इस्लाम को नहीं है अधिकारिक धर्म का दर्जा
30 नवंबर 2016 को स्लोवाकिया ने एक कानून पास कर  इस्लाम को आधिकारिक धर्म का दर्जा देने पर रोक लगा दी। यह देश इस्लाम को एक धर्म के रूप में नहीं स्वीकार करता है। यूरोपीय यूनियन में स्लोवाकिया एकमात्र ऐसा अकेला देश है, जहां एक भी मस्जिद नहीं है।

स्लोवाकिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ध्वनि प्रदूषण पर कड़ा कानून
स्लोवाकिया में ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए भी एक कड़ा कानून है। इस देश में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक आप किसी से खराब व्यवहार में बात नहीं कर सकते हैं और ना ही हल्ला मचा सकते हैं। अगर ऐसा कोई करता है, तो उसे पुलिस पकड़ सकती है, और जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

मुकेश पाण्डेय

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