यह देखना दयनीय है कि जब ईरान में महिलाएं बुर्के के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं और अफगानिस्तान में तालिबान बुर्का न पहनने वाली स्त्रियों पर कोड़े बरसा रहे हैं, तब कर्नाटक में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर पढ़ाई करने पर आमादा हैं। राज्य के उडुपी जिले के एक सरकारी कालेज में इस विवाद ने तब तूल पकड़ा, जब इसी दिसंबर की शुरुआत में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कक्षा में पहुंच गईं। इसके पहले वे कालेज परिसर में तो हिजाब पहनती थीं, लेकिन कक्षाओं में नहीं।

आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि वे अध्ययन कक्ष में हिजाब पहनकर जाने लगीं? इस सवाल की तह तक जाने की जरूरत इसलिए है, क्योंकि एक तो यह विवाद देश के दूसरे हिस्सों को भी अपनी चपेट में लेता दिख रहा और दूसरे, इसके पीछे संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले कैंपस फ्रंट आफ इंडिया का हाथ दिख रहा है। यह पापुलर फ्रंट आफ इंडिया की छात्र शाखा है। माना जाता है कि यह प्रतिबंधित किए जा चुके कुख्यात संगठन सिमी का नया अवतार है।

jagran

नि:संदेह हर किसी को अपनी पसंद के परिधान पहनने की आजादी है, लेकिन इसकी अपनी कुछ सीमाएं हैं। स्कूल-कालेज में विद्यार्थी मनचाहे कपड़े पहनकर नहीं जा सकते। इसी मनमानी को रोकने के लिए शिक्षा संस्थान ड्रेस कोड लागू करते हैं। इसका एक बड़ा कारण छात्र-छात्रओं में समानता का बोध कराना होता है। दुर्भाग्यपूर्ण केवल यह नहीं कि जब दुनिया भर में लड़कियों-महिलाओं को पर्दे में रखने वाले परिधानों का करीब-करीब परित्याग किया जा चुका है और इसी क्रम में अपने देश में घूंघट का चलन खत्म होने को है, तब कर्नाटक में मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनने की जिद कर रही हैं। यह न केवल कूप-मंडूकता और एक किस्म की धर्माधता है, बल्कि स्त्री स्वतंत्रता में बाधक उन कुरीतियों से खुद को जकड़े रखने की सनक भी, जिनका मकसद ही महिलाओं को दोयम दर्जे का साबित करना है।

jagran

यह हैरानी की बात है कि कांग्रेस समेत कई दल स्कूलों में छात्रओं के हिजाब पहनने की मांग का समर्थन कर रहे हैं। इस क्रम में प्रियंका गांधी यहां तक कह गईं कि यह महिला का अधिकार है कि वह चाहे हिजाब पहने, चाहे बिकिनी, चाहे घूंघट.। क्या वह स्कूलों में भी बिकिनी, घूंघट की वकालत कर रही हैं? इस पाखंड और शरारत पर भी गौर करें कि कई कथित प्रगतिशील मुस्लिम महिलाएं, जो खुद हिजाब नहीं पहनतीं, वे उसके पक्ष में अभियान छेड़े हुए हैं।

मुकेश पाण्डेय

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here