Temple Of India: भारत में वैसे तो अनेक मंदिर है, जो देश के हर शहर व गांव में मिल जाते हैं, लेकिन इन्हीं में से कुछ मंदिर अत्यंत चमत्कारी और रहस्यमयी भी है। ये चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर भी कोई एक दो या दस पचास की संख्या में नहीं बल्कि हजारों की संख्या में हैं। लेकिन आज हम आपको केवल 6 प्रमुख चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिरों के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं ये कहा है और इनकी क्या खासियत है…

1. तिरुपति बालाजी मंदिर:

भगवान वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान बालाजी ने धन के देवता कुबेर से अपनी बेटी की शादी के लिए बड़ी रकम उधार ली थी। इस कर्ज को चुकाने के लिए श्रद्धालु इस मंदिर में धन, सोना आदि दान करते हैं, तिरुपति बालाजी का मंदिर दुनियाभर के सबसे अमीर मंदिर माना जाता है।

2. कामाख्या मंदिर:

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असम में स्थित कामाख्या देवी का मंदिर शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर बहुत ही चमत्‍कारी और रहस्‍यमयी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां देवी पूरे साल में 5 दिनों के लिए रजस्वला भी होती हैं। इन दिनों ब्रह्मपुत्र नदी का पानी तक लाल हो जाता है।

3. काशी विश्वनाथ मंदिर:

काशी में स्थित यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पसंदीदा स्थान में से एक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजमान है। माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से और गंगा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

4. मीनाक्षी अम्मन मंदिर:

मीनाक्षी अम्मन मंदिर माता पार्वती को समर्पित देश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए विश्व विख्यात है। यह मंदिर देश के बाकि मंदिरों से काफी अलग है क्योंकि इस मंदिर में शिव और देवी पार्वती दोनों की एक साथ पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं की माने तो सुंदरेश्‍वर के रूप में जन्‍मे भगवान शिव ने पार्वती (मीनाक्षी) से शादी करने के लिए मदुरई का दौरा किया था। 

5. सबरीमाला मंदिर:

सबरीमला में भगवान अयप्पन का मंदिर है। धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान अयप्पा भगवान शिव और विष्णु जी के मोहिनी रूप का मिलन है। मासिक धर्म वाली महिलाओं को इस मंदिर में जाने की मनाही है।

6. सोमनाथ मंदिर:

गुजरात का यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इतिहास उठाकर देखें तो हमें पता चलेगा कि यह मंदिर कई बार तोड़ा गया और पुनर्निर्मित किया गया।

मुकेश पाण्डेय

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