ना जिए दी ना मरे दी याद हमरा के
दम कबो नाहीं धरे दी याद हमरा के
दिल घवाहिल हो गईल बा चोट खा खा के
घाव दिल के ना भरे दी याद हमरा के
भूक भूका के जर रहल बा प्राण के बाती
ना बुते दी ना बरे दी याद हमरा के
नाव जिनगी के किनारा आ रहल बाटे
पार बाक़िर ना करे दी याद हमरा के
का करी अब बूढ़ तन के पेड़ ई रह के
ना फरे दी ना झरे दी याद हमरा के
दोष हमरे बा की कईनी याद से यारी
बेवफ़ाई ना करे दी याद हमरा के