काफिर हिन्दुओं को अपना धार्मिक दुश्मन मानने वाले कट्टर मुसलमानों पर जिस हिन्दू ने विश्वास किया उसे अन्त में धोखा ही मिला। जैसे मोहम्मद गोरी, पृथ्वीराज चौहान से संधि की बात कर रहा था और पीछे से अचानक हमले की तैयारी भी। पृथ्वीराज ने मोहम्मद गोरी पर विश्वास किया, जिसका परिणाम पृथ्वीराज को मौत के रूप में भुगतना पड़ा। मेवाड़ के राणा रत्नसिंह ने अलाउद्दीन खिलजी पर विश्वास किया, जिसके परिणामस्वरूप राणा रत्नसिंह को अपना सिर कटवाना पड़ा और उसकी इतिहास प्रसिद्ध परम सुन्दर पत्नी पद्मिनी देवी को अपनी इज्जत बचाने के लिये जिन्दा ही आग में जल कर जौहर करना पड़ा। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर में योग विद्या सीखने वाले एक फकीर फजल अब्बास ने सन् १५२८ में मुगल बादशाह बाबर को श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर तोड़ने को कहकर अपने गुरु और मन्दिर के प्रमुख महन्त योगिराज श्यामानन्द जी को विश्वासघात की बेमिसाल गुरुदक्षिणा दी। जिसमें लगभग पौने दो लाख हिन्दू मारे गये (लखनऊ गजेटियर पेज ३६१)।

प्रमुख महन्त के एक दूसरे शिष्य जलालशाह ने हिन्दुओं के खून से गारा सान कर लखौरी ईंटों से बाबरी मस्जिद की नींव डाली (बाराबंकी गजेटियर)। विश्वासघात का इससे बड़ा उदाहरण दूसरा न मिलेगा। अफजल खाँ, शिवाजी से दोस्ती के लिये हाथ बढ़ा रहा था, तो दूसरे हाथ से शिवाजी की हत्या के लिये खंजर भी निकाल रहा था। शिवाजी ने अफजल खाँ पर विश्वास नहीं किया था, इसी सतर्कता के कारण बच गये। सवाई जयसिंह ने औरंगजेब पर विश्वास किया, जिसका बदला औरंगजेब ने अपने इस सेनापति जयसिंह को जहर दिलवाकर उसकी मौत के रूप में चुका दिया। इतिहास में ऐसी सैकड़ों घटनाएँ हैं, जिसमें मुसलमानों ने हिन्दुओं के साथ विश्वासघात किया।

कश्मीर के महाराजा हरीसिंह की सेना में मुसलमान सैनिक अधिक थे। सन् १९४७ में कश्मीर पर पाकिस्तानी कबायली मुसलमानों के हमले के समय महाराजा हरीसिंह के विश्वासपात्र वह मुसलमान सैनिक अपने ही हिन्दू अफसरों को गोली मार कर पाकिस्तानी कबायली मुस्लिम सेना से जा मिले। सन १९९९ में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इधर अटल बिहारी बाजपेयी को गले लगा रहे थे और उधर कश्मीर में कारगिल की पहाड़ियों में कट्टर मुसलमान आतंकवादियों की घुसपैठ करा रहे थे। बाजपेयी ने नवाज शरीफ पर विश्वास किया, परिणाम कारगिल का युद्ध आप सब ने देखा। जब सारा भारत कारगिल में लड़ रहे भारतीय सैनिकों की हिम्मत बढ़ा रहा था, तब इस देश के बड़े मुल्ला व कट्टर मुस्लिम नेता खामोश थे, ऐसा क्यों? क्योंकि मुल्लावादी मुसलमानों को राष्ट्र की सीमा में नहीं बाँधा जा सकता। उनके लिये धर्म पहले है, राष्ट्र बाद में। आज कश्मीर के पुलिस प्रशासन में मुसलमानों की संख्या अधिक है, जो हिन्दुओं की हत्या करने वाले मुस्लिम आतंकवादियों की ओर से अपनी आँखें बन्द कर उनका मौन समर्थन करते हैं। इसीलिये कश्मीर में मुस्लिम आतंकवाद पर अंकुश नहीं लग रहा। हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई का नारा लगाकर मसलमानों पर अतिविश्वास करने वाले कश्मीरी हिन्दू, आज कश्मीर में या तो हिंसावादी मुसलमानों के हाथों मारे जा रहे हैं अथवा वहाँ से किसी तरह अपनी जान बचा कर भाग रहे हैं। सच्चाई की ओर से अपनी आँखें बन्द कर लेने वालों का यही हाल होगा। आज हिन्दू जिस तरह इस खतरे की ओर से आँखें बन्द कर, जाति के नाम पर आपस में लड़कर बँट रहे हैं, इससे निकट भविष्य में सम्पूर्ण भारत के हिन्दू इस खतरे की चपेट में आने वाले हैं।

पाकिस्तानी जासूसी संस्था आई०एस०आई० के कारनामे

पाकिस्तानी जासूसी संस्था आई० एस० आई० के इशारे पर काम करने वाले मुस्लिम आतंकवादियों के अड्डे जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हैदराबाद, केरल, तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, आसाम समेत पूरे देश तथा नेपाल में फैल चुके हैं। जहाँ अत्याधुनिक स्वचालित रायफलें व पिस्तौलें जमा की जा रही है। बम विस्फोट कराने वाला आर.डी.एक्स. लाया जा रहा है। (देखें इंडिया टुडे २५ अगस्त १९९९) साथ ही इन्हीं अड्डों के माध्यम से मुस्लिम माफिया सरगनाओं द्वारा नशीली दवाइयाँ भारत भेजी जा रही हैं। धनी हिन्दुओं के बच्चों को इन नशीली दवाओं का आदी बना कर उनसे धन निचोड़ कर और पाकिस्तान में छपे नकली नोटों को भारत में भेजकर तथा मुस्लिम माफिया सरगनाओं द्वारा जबरन धन वसूली, हवाला, सट्टा आदि से मिलने वाली अरबों रुपयों की कमाई, आई० एस० आई० द्वारा देश विरोधी कार्यों पर खर्च करने के लिये मुसलमान आतंकवादियों में बाँटी जा रही है।

ALLEGED ISI AGENTS WORKING IN PAKISTAN HIGH COMMISSION IN DELHI UNVEILED

भारत के हिन्दुओं से यह कमाई करने वाले मुस्लिम माफिया सरगनाओं को आई०एस०आई० खुला सहयोग और संरक्षण दे रही है। यहाँ तक कि इन मुस्लिम माफिया सरगनाओं के विरोधी उन हिन्दू माफिया सरगनाओं की, जो देशभक्ति की भावना से भर गये हैं, हत्यायें भी यह आई०एस०आई० करवा रही है। आई०एस०आई० उनकी जबरन धन वसूली और नशीली दवाओं की तस्करी में पूरी मदत कर रही है, जिससे हिन्दुओं के पैसे से ही भारत तथा भारत के हिन्दुओं को नष्ट किया जा सके। यह मुस्लिम माफिया सरगना आई०एस०आई० की सुरक्षा में भारत, पाकिस्तान, दुबई, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल और अफगानिस्तान आदि देशों में अराम से रहकर अपना काम पूरा कर रहे हैं। जबकि हिन्द माफिया भागे-भागे फिर रहे हैं और आई०एस०आई० उनका पीछा कर रही है।

Mobile apps to social media, ISI is casting its net on Indian jawans |  India News – India TV

मस्जिदों, मुसलमानी मदरसों, मुल्ला-मौलवियों, मुस्लिम माफिया सरगनाओं और आई० एस० आई० का गठजोड़ पूरे देश में तैयार किया जा रहा है। आई० एस० आई० के मुल्ला इस देश के मुसलमानों को सिखाते हैं कि कुरआन के अनुसार अल्लाह का हुक्म है कि काफिर हिन्दुओं को तबाह व बर्बाद कर भारत को मुसलमानी देश दारूलइस्लाम बना डालो अन्दर ही अन्दर गुप्त रूप से तैयारियाँ चल रहीं हैं। भारत में की जाने वाली इन सारी आतंकवादी योजनाओं के मुख्य अड्डे, संसार का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल व मुम्बई बन चुके हैं। मुसलमानों द्वारा किये जा रहे ये सब कार्य विश्वव्यापी इस्लामी आन्दोलन का एक हिस्सा हैं, भविष्य में जिससे परी दनियाँ प्रभावित होने वाली है।

इस प्रकार आई० एस० आई० भारत व भारत के काफिर हिन्दुओं को नेस्तनाबूद करने के लिये साम, दाम, दंड और भेद की नीति अपना रही है। लेकिन भारत के हिन्दू बुद्धिजीवी और नेता नैतिकता का ढोंग लिये बैठे हैं। यह जानते हुए भी कि मुल्लावादी मुसलमान आई०एस०आई० के हाथों खेल रहे हैं, फिर भी धर्मनिरपेक्षता के नाम पर इस सच को कहने और उनके विरुद्ध कुछ करने को तैयार नहीं है। उल्टा उन्हें देश भक्त कह रहे हैं। ठीक यही स्थिति सन् १९४७ के पहले थी। जब कुछ देश भक्त चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे कि “मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुसलमान अलग देश माँगने जा रहे हैं।” उस समय भी धर्मनिरपेक्षतावादी कांग्रेसी हिन्दू नेता कह रहे थे कि “ऐसा कहने वाले साम्प्रदायिक लोग हैं। जो हिन्दू-मुस्लिम एकता को तोड़कर आपस में घृणा फैलाना चाहते हैं। मुसलमानों की देश भक्ति पर सन्देह नहीं किया जा सकता। इस देश के सभी मुसलमान देश भक्त हैं। कांग्रेसी हिन्दू नेताओं की इस अनदेखी का परिणाम अलग देश पाकिस्तान के रूप में सामने आया। भले ही संयोग वश (इन नेताओं की दूरदर्शिता के कारण नहीं) मुस्लिम आबादी बट जाने के कारण वह आज हमारे अनुकूल है। सन १९४७ की तरह आज भी आई०एस०आई० के मुल्लावादी मुसलमानों की देश भक्ति पर संदेह नहीं किया जा रहा। जिसका परिणाम बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इस देश के हिन्दू नौजवान इसे समझें। क्योंकि इन नेताओं की करतूतों का परिणाम भविष्य में उन्हें ही झेलना पड़ेगा।

US: Pakistan ISI Has Links with Militants | Voice of America - English

भारत के अन्दर आई०एस०आई० के संगठनात्मक स्वरूप और उसकी गतिविधियों का विश्लेषण करने के बाद स्पष्ट रूप से समझ में आता है कि जैसे १९७१ के युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान में मुक्तिवाहिनी और भारतीय सेना के बीच पाकिस्तानी सेना फँस गयी थी। जिसके कारण पूर्वी पाकिस्तान (बंगला देश) पाकिस्तान के हाथों से निकल गया था। भविष्य में पाकिस्तान द्वारा पूर्ण युद्ध छेड़े जाने पर पाकिस्तान के कट्टर मुल्लावादी सैनिक शासक शायद उसी तर्ज पर इधर पूरे भारत में फैले आई०एस०आई० के लाखों एजेन्टों, तमाम आतंकवादी मुस्लिम संगठनों और आई०एस०आई० द्वारा तैयार किये जा रहे मुल्लावादी नौजवानों के गठजोड़ तथा उधर पाकिस्तानी सेना के बीच भारतीय सेना को फँसाने का कचक्र रच रहे हैं। इस तरह वह बंगला देश के बनने का बदला लेने के साथ-साथ भारत को दारूलइस्लाम बनाने की मोहम्मद गोरी जैसी योजना पर गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। दूसरी तरफ भारत के सभी धर्मनिरपेक्षतावादी मुस्लिमपरस्त नेता इसकी जानबूझकर अनदेखी करते हुए, उनकी जबरजस्त चमचागीरी करते हुए उनके हौसले बुलन्द कर रहे हैं।

मुल्लावादी मुसलमानों को खुश करके, मुस्लिम वोट पाने की लालच में यह नेता इस देश में धर्मनिरपेक्षता के नाम पर तबाही और बर्बादी लाना चाहते हैं। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले अंग्रेजों ने हिन्दुओं के बहुसंख्यक होने के कारण भारत का राज हिन्दुओं को सौंपा था। लेकिन हिन्दू उस राज को थाली में परोस कर बड़ी धूमधाम के साथ मुल्लावादी मुसलमानों को सौंप कर झंझट से छुटकारा पा लेना चाहते हैं।

नकली धर्मनिरपेक्षतावादी नेताओं की कायरता से करोड़ों बंगलादेशी मुसलमान भारत में घुस आये हैं। जो हत्या, लूट-पाट और आतंकवाद के साथ-साथ मुस्लिम वोट बैंक भी बढ़ा रहे हैं तथा इसी आई० एस० आई० के इशारे पर काम कर रहे हैं। आई० एस० आई० के सहयोग से यह बंगलादेशी मुसलमान, पैसे पर बिक जाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों को घूस देकर भारत में सामूहिक रूप से घुस आते हैं। इन बंगलादेशी मुसलमानों की घुसपैठ से आसाम तथा बिहार और पश्चिम बंगाल के बहुत से लोकसभा क्षेत्रों में मुसलमान वोटर, हिन्दू वोटरों से अधिक हो चुके हैं। वह दिन दूर नहीं, जब यह बंगलादेशी मुसलमान पूरे आसाम, बिहार और पश्चिम बंगाल में वोटों का संतुलन पूरी तरह से मुसलमानों के पक्ष में कर, सत्ता की लगाम अपने हाथों में ले लेंगे। ये बंगलादेशी मुसलमान लाखों की संख्या में मुम्बई और दिल्ली में भी झोपड़िया डाल कर बस गये हैं। इनकी झोपड़ियाँ रेलवे के पुलों, पेट्रोल पाइपलाइन के पास, रेलवे लाइन के पास तथा सुरक्षा की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण जगहों पर हैं। जो आई० एस० आई० के इशारे पर कभी भी पूरे देश में एक साथ भारी तोड़ फोड़ कर सकते हैं। विशेष कर युद्ध के समय सैनिकों तथा सैनिक साजो सामान के आने जाने में भारी बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। तथाकथित धर्मनिरपेक्ष नेताओं की शह पर इनके हौसले इतने बढ़ गये हैं कि दिल्ली में लाल किले में बम विस्फोट के अभियुक्त मो० इसहाक को इनकी भीड़ ने २४ जून, सन २००० को दिल्ली के एक थाने पर हमला करके छुड़ा लिया। जातिवादी, धर्मनिरपेक्षतावादी मुसलमानपरस्त कांग्रेसी और गैर कांग्रेसी नेता तथा कम्युनिष्ट इन बंगलादेशी मुसलमान घुसपैठियों के संरक्षक बन गये हैं। जो कहते हैं कि उन्हें भारत में रहने दो, वे हमारे भाई हैं। वोट के लिये देश के साथ इतनी बड़ी गद्दारी दुनियाँ में कहीं भी नहीं है। इन्हीं नेताओं के कारण हिन्दू वास्तव में इतिहास के सबसे बड़े संकट की ओर बढ़ रहे हैं। हिन्दु मेरी इस चेतावनी को बड़ी गंभीरता से लें। इन्हीं नेताओं की अनदेखी के कारण देश में प्रतिवर्ष आठ लाख हिन्दुओं को मुसलमान व ईसाई बनाया जा रहा है। एक लाख ईसाई धर्म प्रचारक सारे देश में हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन में लगे हुए हैं, इसके लिये हजारों करोड़ रुपये विदेशों से आ रहे हैं।

Desperate ISI and Pakistan terror groups turn to local Indian gangsters to  execute attacks in India

– असम के राज्यपाल श्री एस० के० सिन्हा ने राष्ट्रपति श्री के० आर० नारायणन को एक रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट (८ नवम्बर, १९९८) के अनुसार राज्यपाल ने आसाम में मुस्लिम वोटरों की संख्या अत्यधिक बढ़ जाने पर चिन्ता प्रकट की है। राज्यपाल की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की जासूसी संस्था आई० एस० आई० आसाम में बंगलादेशी मुस्लिम आतंकवादियों का आन्दोलन आगे बढ़ा रही है। इसके लिये आसाम के मुसलमान लड़के अफगानिस्तान में आतंकवाद की ट्रेनिंग लेने भेजे गये हैं। राष्ट्रपति का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया गया है कि आसाम में बंगलादेशी घुसपैठी मुसलमानों को तो वोट देने का अधिकार मिल गया है, पर पाकिस्तान से आये हुए एक लाख हिन्दू शरणार्थियों को जिनमें सिक्ख भी हैं, अभी तक वोट देने का अधिकार नहीं मिल सका है। (आब्जरवर ३-१-९९) लेकिन इस देश का तथा हिन्दुओं का दुर्भाग्य है कि ऐसी रिपोर्ट (जिसमें मुसलमानों के विरुद्ध कुछ हो) इस देश में कूड़ेदान में फेंक दी जाती है। दुश्मन पाकिस्तान इन्हीं कमजोरियों और लापरवाहियों का फायदा उठा रहा है।

अमेरिकन कमेटी रिपोर्ट सन् १९९३ में कहा गया है कि “पाकिस्तान की आई० एस० आई० का उद्देश्य हिन्दू समाज की जाति, भाषा और प्रान्त की फूट का लाभ उठा कर सारे भारत पर कब्जा करना है।”

अमेरिकन कांग्रेस के आतंकवाद पर विशेषज्ञ योसोफ बोडान इस्काई कहते हैं कि “मुसलमानों का उद्देश्य अफगानिस्तान से इंडोनेशिया के बीच पड़ने वाले काफिरों के देश भारत, नेपाल, वर्मा और फिलिपीन्स, आदि को मुसलमानों का देश बनाना है। जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान को दी गयी है, इसके लिये दुनिया के धनी मस्लिम देश, पाकिस्तान को पैसा दे रहे हैं।”

यह सारी बातें हमने विभिन्न समाचार पत्रों से ली हैं जैसे टाइम्स आफ इंडिया दि० २३-७-९३,१-४-९४,५-८-९४,१९-२-९६ आब्जर्वर दि०२०-११-९३, १५-९-९५ आर्गनाइजर दि० २७-८-९५।।

मुकेश पाण्डेय

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