१९४७ में भारत के बटवारे के बाद पश्चिमी पाकिस्तान में एक करोड हिन्द बचे थे। जिनकी संख्या घटकर आज पाँच लाख रह गयी है, बाकी हिन्दू या तो जबरजस्ती मुसलमान बना लिये गये अथवा मार डाले गये। उनकी जमीन, मकान और जवान लड़कियों और औरतों को मुसलमानों द्वारा हड़प लिया गया।

जो बचेहैं वह अत्याचारों, अपमानों, भय और आतंक के बीच नरक जैसी जिन्दगी जी रहे हैं। वहाँ उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। पाकिस्तान के पूरे मन्दिर तोड़ दिये गये, जो एक आध बचे हैं, वह मूर्ति विहीन ढाँचे मात्र हैं। जिनके अन्दर मुर्गियाँ और बकरियाँ पली हैं।

चूँकि पाकिस्तान द्वारा सिक्खों को शेष हिन्दुओं के विरुद्ध उकसाया जाता है, इसी रणनीति के कारण पाकिस्तान में मुख्य गुरुद्वारे छोड़ दिये गये। ऐसा मुस्लिम हमलावरों की चिरपरिचित नीति के कारण किया जाता है कि पहले छोटे दुश्मन को मिलाकर बड़े दुश्मन को नष्ट करो। फिर छोटे का भी आसानी से सफाया कर दो। बंगला देश में हिन्दुओं की सम्पत्ति और लड़कियों को मुसलमान छीन रहे हैं। चकमा हिन्दुओं पर भयानक अत्याचार किये गये। आज बंगला देश में हिन्दुओं का जीना हराम हो गया है। वहाँ उनकी संख्या बडी तेजी से घट रही है।