मुझसे मिलने मेरे प्रिय का प्यार आया है ||गीत||

मुझसे मिलने मेरे प्रिय का प्यार आया हैकाले बादल नहीं मेरा संसार आया है छलक रहे थे...

आज तुम्हारी प्यास में ||गीत||

धरती का तृण तृण प्यासा है आज तुम्हारी प्यास मेंसूर्य चंद्र अब तक जीवित हैं एक तुम्हारी आस में

आज मेरी हार ||कविता||

आज मेरी हार तिमिर में तिरती हुईआशा अकेलीमैं नहीं विश्वास ,ठगनी , ठग के बोलीमैं निराशा सी,रुधिर की धार

आधुनिक हिन्दी के जन्मदाता भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

“निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल “ का उद्घोष करने वाले भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का आज जन्मदिन है. वे आधुनिक हिन्दी के जन्मदाता थे, उनसे...

ग़ज़ल : याद कुछ इस तरह जगाती है

याद कुछ इस तरह जगाती हैटुकड़ों टुकड़ों में नींद आती है मौत की दुश्मनी है पल भर...

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